शहडोल: कुंभकर्णीय निंद्रा में स्वास्थ्य विभाग , प्राथमिक स्वस्थ केंद्र मझगवा में चल रहा भर्रेसाही , लैब टेक्नीशियन बना फार्मासिस्ट
शहडोल (संजय गर्ग) । मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मजगमा का यहां पर मनमर्जी तरीके से काम चल रहा है। तथाकथित स्वास्थ्य केंद्र में बड़े पैमाने में अनियमितताएं हैं। बता दें कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे आए दिन नए नए मामले उजागर होते रहते हैं।
मरीजों का उपचार तो दूर की बात हैं यहां पर पूरा स्टाफ ही आए दिन छुट्टी पर रहता है। अगर लैब टेक्नीशियन की बात करें तो यहां पर पदस्थ लैब टेक्नीशियन संदीप सिंह स्वयं ही फार्मासिस्ट बने हुए साहब ग्रामीणों को स्वयं से ही दवाई देते है। जबकि लैब टेक्नीशियन को दवा का कोई अधिकार नियम नहीं है बावजूद इसके सिंह साहब बिना किसी झिझक के ग्रामीणों को दवा वितरित करते हैं अब उन्हें जानकारी है या नहीं यह तो साहब ही जाने
जिसके चलते ग्रामीणों को सही उपचार प्राप्त नहीं हो पाता है।
तथाकथित स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम के पद पर पदस्थ सुचिता द्विवेदी आए दिन स्वास्थ्य केंद्र से से नदारद रहती है । इसके पूर्व भी कई बार मैडम के किस्से मीडिया के सामने आ चुके हैं। फिर भी मैडम अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही हैं।
बता दें कि मैडम साहिबा की ड्यूटी दोपहर 2:00 बजे से लेकर के रात्रि के 8:00 बजे तक की रहती किंतु मैडम का तानाशाही रवैया कुछ इस प्रकार है कि मैडम कभी 2:30 बजे तो कभी 3:00 बजे स्वास्थ्य केंद्र में आती है। और खानापूर्ति कर 4:30 बजे स्वास्थ्य केंद्र से निकल जाती है।
मैडम का यह रवैया वहां के ग्रामीणों को रास नहीं आ रहा है।
तथाकथित स्वास्थ्य केंद्र के स्थितियां कुछ इस प्रकार है कि यदि आनन-फानन में कोई घटना या कोई इमरजेंसी केस आ जाता है। तो राम नाम सत्य होने में ज्यादा टाइम नहीं लगेगा।
सबसे बड़ा सवाल यह उठता है, कि क्या मैडम के इस प्रकार के रवैया से आखिर कब तक ग्रामीणों को अच्छे इलाज के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।
किंतु कोई मरे या जिए मैडम को कुछ खास मतलब नहीं है।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब आला अधिकारियों के द्वारा राउंडअप किया जाता है तो क्या उन्हें इस प्रकार की अनियमितताएं नजर नहीं आती है।
और यदि आती है तो कोई कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है।
इनका कहना
आपके माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है 2 दिन में दौरे में था मैं पूरे मामले की जांच करवाता हूं मुझे 2 दिन का टाइम दीजिए जांच करवा कर मैं उचित कार्यवाही करता हूं।
डॉ . सुनील स्थापक ( बीएमओ)
सिंहपुर जिला शहडोल (एम. पी )