ब्यौहारी: वर्षों से न्याय के लिए दर-दर भटकता फरियादी , यह कैसा राजनीतिक रसूख जिसके आगे घुटने टेकता जिला प्रशासन
ब्यौहारी (संजय गर्ग)। मामला जिले के ब्यौहारी क्षेत्र का है जहां पर वर्षों से बहुचर्चित विवादित भूमि पर संचालित हो रहा भारत पेट्रोलियम कंपनी के पेट्रोल पंप का है। जहां पर गुप्ता फिलिंग स्टेशन के नाम से भारत पेट्रोलियम का पेट्रोल पंप का संचालन किया जा रहा है।
बता दें कि वार्ड क्रमांक 9 जनपद पंचायत के सामने स्टेशन रोड में स्थित यह पेट्रोल पंप में ज्वलनशील पदार्थ डीजल एवं पेट्रोल संग्रहित किया जाता है। तथाकथित पेट्रोल पंप कुंज बिहारी गुप्ता नामक व्यक्ति के नाम से आवंटित हुआ है। जोकि जिस भूमि पर पेट्रोल पंप का संचालन किया जा रहा है वह पूर्व सही विवादित है। एवं उस भूमि का प्रकरण वर्ष 2012 से लेकर 2015 के बीच कमिश्नर संभाग शहडोल में विचाराधीन हैं ।
इतना ही नहीं बल्कि या मामला आज दिनांक तक न्यायालय में चल रहा है।
बावजूद इसके तथाकथित भूमि पर पेट्रोल पंप के मालिकों द्वारा अधिकारियों को गुमराह करते हुए फर्जी एनओसी जारी कराई है । जबकि उस भूमि पर न्यायालय द्वारा स्टे भी लगाया गया है इसके लगने के बावजूद भी तथाकथित पेट्रोल पंप के मालिकों को सेल्स लेटर भी जारी किया गया।
किंतु यहां बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर भूमि पर स्टे हैं एवं उसका प्रकरण न्यायालय में चल रहा है तो फिर किस आधार पर अधिकारियों द्वारा एनओसी एवं सेल लेटर जारी किया गया यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है।?????
जिसका उत्तर आज दिनांक तक फरियादी को नहीं मिल पाया है।
सत्ता की आड़ में होता डैमेज कंट्रोल
कहा जाता है कि तथाकथित पेट्रोल पंप के संचालक दिलीप गुप्ता खुद को भाजपा के नेता बतलाते हैं। तथाकथित व्यक्ति के द्वारा विगत 12 वर्षों से सत्ता की आड़ में जमीन में अवैध रूप से कब्जा कर एवं अपने राजनीतिक रसूख एवं धन बल के प्रयोग से विवादित भूमि पर पेट्रोल पंप का संचालन कर रहा है। कहते हैं कि पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता तथाकथित व्यक्ति का अच्छा संपर्क है जिसके चलते आज दिनांक तक फरियादी दर दर की ठोकर खाता फिर रहा है और तथाकथित व्यक्ति पैसे के बल पर डैमेज कंट्रोल करता है। ऐसे में तो यह लगता है कि कहीं ना कहीं भाजपा के नेता सत्ता बल पर किसी भी गरीब को दबाकर एवं उस पर अत्याचार करके अपने विकास के लिए अग्रसर है।
जबकि कई बार फरियादी द्वारा आत्मदाह का भी प्रयास किया गया ना जाने कितनी बार मंत्री मुख्यमंत्री एवं स्थानीय प्रशासन को तथाकथित मुद्दे से अवगत कराया गया किंतु स्थानीय प्रशासन पूरी तरीके से आंख मूंदे हुए हैं।
शिकायत पर शिकायत पर कार्यवाही शून्य
आखिर क्यों स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती यह जानते हुए भी कि संबंधित भूमि विवादित है। एवं उसका मामला न्यायालय में विचाराधीन है। कई बार जांच भी हुई किंतु कार्यवाही शून्य है।
कहीं ना कहीं है देखकर यह लगता है कि सचमुच राजनीतिक रसूख के आगे प्रशासन बौना है।
यह सब देख कर एक कहावत चरितार्थ होता है कि पैसा की माई पहाड़ चढ़े…..!
इनका कहना
आपके माध्यम से हमें पता चला है हम जल्द से जल्द इस मामले को दिखाते हैं।
कलेक्टर वंदना वैध