जयसिंहनगर : तो क्या???चोर – चोर मौसेरे भाई के तर्ज पर चल रहा तहसील कार्यालय जयसिंह नगर , फिर कैसे मिलेगा गरीबों को इंसाफ
तो क्या???चोर – चोर मौसेरे भाई के तर्ज पर चल रहा तहसील कार्यालय जयसिंह नगर ,
फिर कैसे मिलेगा गरीबों को इंसाफ
जयसिंहनगर ( संजय गर्ग) ।विगत कई माह से जयसिंहनगर तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार की जड़े मजबूत होती जा रही। विश्वत सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि जब से तहसील कार्यालय में सुषमा सिंह धुर्वे नाम की अधिकारी तहसीलदार की कुर्सी पर बैठी है। तब से लेकर अब तक उनके कार्यालय में भ्रष्टाचार के अनेकों मामले तहसील कार्यालय के अंधेरे कमरों में फाइलों में दफन है।
हर दिन एक नया भ्रष्टाचार तथा कथित तहसीलदार व इनके अधीनस्थ कर्मचारी जैसे कि कोटवार व पटवारी सभी ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार के घड़े में डूबे हुए। शायद यही कारण है कि धनंजय सिंह जैसे भ्रष्टाचारी पटवारी पर कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है।
बिना आवेदन होता कार्यालय में काम
अब तक आपने लोगों के आवेदन को लेकर उसमें पटवारी को सेटिंग बनाते देखा होगा। लेकिन जय सिंह नगर तहसील कार्यालय में धनंजय सिंह जैसे पटवारी जो बिना आवेदन के ही भूमि तरमीम करते हैं साथ ही बिना आवेदन के ही आवेदक को भूमि का नकल दिलाने की बात करते हैं।
भू स्वामियों के साथ ऐसा खेलते खेल
दरअसल पीड़ित बनवारी लाल कोल पिता दादूराम कोल निवासी ग्राम बलौड़ी पश्चिम ने मीडिया से जानकारी साझा कर बताया कि। कई महीने बीत जाने के बावजूद भी बनवारी लाल कोल को उसकी जमीन का नकल प्राप्त नहीं हुआ जमीन की नपाई हेतु व आवेदन के लिए उन्होंने पटवारी धनंजय सिंह के चौकीदार को ₹600 दिए थे। आपको बता दें कि पीड़ित पांच भाई हैं पांचो भाई ने अपनी जमीन की नपाई के लिए पटवारी धनंजय सिंह को तीन ₹3000 दिए थे। एवं आवेदन के लिए पांचो ने 600 की राशि पटवारी को चौकीदार के हाथों से भिजवाए थे लेकिन अब तक ना तो जमीन की नकल भू स्वामियों को प्राप्त हुई और ना ही उनकी जमीन नापी गई।
आवेदक का कहना है कि बिना आवेदन लगाए ही पटवारी के द्वारा जमीन नपाई के नाम पर प्रत्येक पांचो भूमि से तीन-तीन हजार रुपए रिश्वत के रूप में ली है।
पल्ला झाड़ते जिम्मेदार
इस पूरे विषय को लेकर जब हमारे द्वारा तहसीलदार जयसिंहनगर सुषमा धुर्वे से दूरभाष के माध्यम से संपर्क किया गया तो उनके द्वारा इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ कर लिया गया। उनके द्वारा कहा गया की आपकी किसी भी बातों का जवाब हम नहीं दे सकते।
इस जवाब से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं ना कहीं पटवारी धनंजय सिंह जैसे लोगों को तथाकथित जिम्मेदारों का मौन संरक्षण प्राप्त है।
यदि ऐसा है तो यह कहना गलत नहीं होगा कि चोर चोर मौसेरे भाई मिलकर जयसिंहनगर राजस्व का बंटा – ढ़ार करने में लगे हुए हैं।