शहडोल : क्यों शहडोल जिला रह गया कार्यवाही से अछूता ,शासन के नियम निर्देशों पर मूकी खाता जिले का शिक्षा विभाग , प्रदेश के एक जिले में होता तीन बच्चों के कानून का पालन
क्यों शहडोल जिला रह गया कार्यवाही से अछूता ,
शासन के नियम निर्देशों पर मूकी खाता जिले का शिक्षा विभाग , प्रदेश के एक जिले में होता तीन बच्चों के कानून का पालन
शहडोल।( संजय गर्ग) । शासन की नौकरी सभी करना चाहते हैं सरकारी नौकरी की तलाश में संभाग और प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के सैकड़ो लोगो के मन में पढ़े लिखे होकर शासकीय नौकरी करने की इच्छा है और होनी भी चाहिए।
एक ओर जहां लोग शासकीय नौकरी पाने के लिए दिन रात एक करते हैं। और सबसे ज्यादा भीड़ शिक्षा विभाग व शिक्षा कर्मियों व संविदा शिक्षकों की लगती है जहां हर 4 से 8 वर्ष में संविदा पात्रता परीक्षा आयोजित की जाती है।
जिसे सभी लोग बड़ा ही सरल एवं सुखद नौकरी या शासकीय सेवा मानते हैं।
लेकिन इस विभाग में सबसे ज्यादा जो पदों को छेंक कर बैठे हैं वह तीन बच्चे वाले शिक्षक व संविदा कर्मी जो शहडोल आदिवासी अंचल में यदि बात करें तो काफी संख्या में है।
यह शिक्षक आज के डेट में सबसे ज्यादा पढ़े लिखे अभ्यार्थियों के हिस्से पर कुंडली मारकर बैठे हुए।
ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि परीक्षा देकर पास हुए नए अभ्यर्थी जो दिन-रात एक कर संविदा परीक्षा निकलते हैं।
तो वहीं दूसरी ओर यह तीन बच्चों वाले शिक्षक जिनकी नियुक्ति काफी पुरानी है जो कि पहले टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट की यह प्रक्रिया उसे समय पर नहीं चलती थी।
डायरेक्ट भर्ती पाकर या गुरुजी शिक्षण प्रणाली से चयनित हुए यह तीन बच्चों वाले शिक्षक शासकीय सेवाओं का भोग कर रहे हैं। जो की पूर्णता नियम के विरुद्ध है
समय – समय पर शासन ने किए हैं यह प्रयास
हालांकि शासन की ओर से लगातार समय-समय पर प्रदेश के कई जिलों में 26 जनवरी 2001 के बाद तीन बच्चों वाले शिक्षकों पर कार्यवाहियां की है।
मगर शासन की मंशा के अनुरूप क्या यह कार्यवाहियां केवल प्रदेश के कुछ ही जिलों तक सीमित जबकि आज सबसे ज्यादा यदि इस कार्यवाही की जरूरत कहीं है तो वह और कहीं नहीं बल्कि प्रदेश का आदिवासी अंचल शहडोल है।
ताजा मामला सागर में आया प्रकाश में
हाल ही में प्रदेश के जिला छतरपुर सागर में मध्य प्रदेश शासन के पत्र क्रमांक 3002/2025 दिनांक 2 मार्च 2025 को कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला-छत्तरपुर का पत्र कमांक/शिका./2022/8700 छतरपुर दिनांक 22.12.2022 अनुसार रंजीता साहू माध्यमिक शिक्षक शास.उ.मा.वि.धमौरा की तीसरी संतान दिनांक 26-1-2001 के पश्चात होने के कारण उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है।
प्रतिवेदन इस कार्यालय में उपलब्ध कराया गया। उक्त के अनुक्रम में कार्यालयीन पत्र कमांक/शिका/छतरपुर/2023/4385 सागर दिनांक 25.07.2023 द्वारा रंजीता साहू माध्यमिक शिक्षक को आरोप पत्रादि जारी कर समयावधि में उत्तर चाहा गया था।
तीन बच्चों वाले सागर के मामले में इन अधिकारियों ने की जांच
रंजीता साहू द्वारा प्रस्तुत प्रतिवाद दिनांक 14. अगस्त 2023 को परीक्षणोपरांत समाधानकारक नहीं पाये जाने के फलस्वरूप इनके विरूद्ध कार्यालयीन आदेश कमांक/वि.जांच/2023/4967 सारग दिनांक 22.अगस्त 2023 से म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 14 के तहत उनके विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई थी। जिसमें श्री विनोद ठाकुर उपसंचालक (कार्यालयीन) को जांचकर्ता अधिकारी एवं एम.कुमार सहायक संचालक कार्यालयीन को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किया जाता था। जांचकर्ता अधिकारी विनोद कुमार ठाकुर उपसंचालक (कार्यालयीन) को दिनांक 31.जुलाई 2024 को सेवानिवृत्ति होने के कारण कार्यालयीन आदेश कमांक/2024/5376 दिनांक 01.अगस्त.2024 में संशोधित करते हुए मनीषा अलेक्जेण्डर सहायक संचालक को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्ति किया गया ।
तथ्य को छिपाते हुए शिक्षिका ने किया शासकीय योजनाओं का लाभ प्राप्त
मनीषा अजेक्जेण्डर सहायक संचालक (जांचकर्ता अधिकारी) कार्यालयीन द्वारा प्रस्तुत विभागीय जांच प्रतिवेदन दिनांक-27.जनवारी 2025 से प्राप्त जांच प्रतिवेदन एवं निष्कर्ष अनुसार रंजीता साहू के विरूद्ध अधिरोपित आरोप क्रमांक 01 अनुसार यह कि दिनांक 26 जनवरी 2001 के पश्चात तृतीय संतान का जन्म होने से मध्यप्रदेश पंचायत संविदा शाला (नियोजन एवं संविदा की शर्तें) नियम 2005 की अनुसूची दो (ख) (9) एवं भर्ती के समय निष्पादित संविदा शर्ते कं (14) का उल्लघंन करना पाया गया तथा आरोप कमांक-2 अनुसार शासकीय माध्यमिक शाला घमौरा में अध्यापक के पद पर रहते हुए शासकीय सेवा के दौरान तीसरी सन्तान का जन्म होने सबंधी तथ्य को छिपाते हुए स्कूल शिक्षा विभाग अन्तर्गत नवीन कैडर में माध्यमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति तथा शासकीय योजनाओं के तहत नियम सुविधाए का लाभ प्राप्त करना प्रमाणित पाया गया ।
शहडोल जिले में क्यों नहीं जांच
ठीक इसी तर्ज पर शहडोल आदिवासी अंचल में स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत व ट्राइबल विभाग के अंतर्गत आने वाले ना जाने कितने ही ऐसे शिक्षक हैं जो की इसी प्रकार तथ्यों को छुपाते हुए तीन संतानों के साथ नौकरी कर रहे हैं। जिन पर कोई जांच होती नजर नहीं आ रही। जबकि न जाने कितने शिकायत पत्र जिले के ट्राइबल व जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के टेबल पर धूल खा रही है।
ऐसा है तीन बच्चों के शिक्षकों का नियम
इस प्रकार अपचारी लोक सेवक के विरूद्ध विभागीय जांच में दोनों आरोप प्रमाणित जाने के फलस्वरूप अपचारी लोक सेवक को कार्यालयीन पत्र कमांक/शिकायत/वि.जां-छत्तरपुर/2025/1584 सागर दिनांक 06. फ़रवरी 2025 के द्वारा रंजीता साहू माध्यमिक शिक्षक शास.उ.मा.वि.धमौरा जिला छतरपुर को कारण बताओ सूचना पत्र विभागीय जांच प्रतिवेदन की प्रति प्रदान करते हुए जारी किया गया कि उनके विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा) अपील नियम 1966 के उपनियम 10 (आठ) के तहत क्यों न शासकीय सेवा समाप्त करने की शान्ति अधिरोपित की जावे? श्रीमति रंजीता साहू माध्यमिक शिक्षक द्वारा प्रस्तुत लिखित प्रतिवाद दिनांक 10.03.2025, मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) 2000 दिनांक 10 मार्च 2000 में सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा जारी संशोधित नियम 6 (4) (6) अनुसार “कोई भी उम्मीदवार जिनकी दो से अधिक जीवित संतान है, जिनमें से एक का जन्म 26 जनवरी 2001 को या उसके पश्चात् हो, किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा” में वर्णित प्रावधान का पालन नहीं करने फलस्वरूप समाधानकारक नहीं पाया गया।
दोषी पाए जाने पर समाप्त हुई शिक्षिका की शासकीय सेवा
उपरोक्तानुसार अपचारी लोक सेवक रंजीता साहू माध्यमिक शिक्षक शास.उ.मा.वि.धमौरा जिला छतरपुर द्वारा प्रस्तुत लिखित प्रतिवाद, विभागीय जांच प्रतिवेदन एवं अभिलेखों के समग्र परीक्षण उपरांत पाए गए तथ्यों के प्रकाश में म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय भोपाल का पत्र कमांक एफ 1-14/2019/20-1 भोपाल दिनांक 27-9-2019 एवं म.प्र.शासन स्कूल शिक्षा विभाग के परिपत्र कमांक/एफ 44-65/85/बी-2/बीस, दिनांक 27-06-1997 एवं आदेश क्रमांक 44-109/20-2/2007 दिनांक 22-8-2008 के द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अधीन, तथा सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय भवन भोपाल दिनांक 10 मार्च 2000 का पालन नहीं किए जाने के कारण, म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के उपनियम 10 (आठ) के तहत रंजीता साहू माध्यमिक शिक्षक शास.उ.मा.वि.धमौरा जिला-छतरपुर की शासकीय सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है।