शहडोल / जयसिंहनगर : गली – गली में शोर जंगल में मिले 3 करोड़ के गांजे का कौन है मोर , पुलिस और नेता की यारी कौन है गांजा कारोबारी किसी जमाने में लगे थे हत्या के आरोप आज है सत्ता का लोभ , तो क्या सत्ता माफियाओं के इशारे पर चल रहा गांजे का व्यापार
गली – गली में शोर जंगल में मिले 3 करोड़ के गांजे का कौन है मोर , पुलिस और नेता की यारी कौन है गांजा कारोबारी किसी जमाने में लगे थे हत्या के आरोप आज है सत्ता का लोभ ,
तो क्या सत्ता माफियाओं के इशारे पर चल रहा गांजे का व्यापार
शहडोल / जयसिंहनगर (संजय गर्ग)। कहते हैं की आदमी का वक्त बदलते देर नहीं लगती और बंदर कितना भी बूढ़ा हो जाए गुलाटी मारना नहीं छोड़ता जैसी कहावतो को बखूबी चरितार्थ करने का कार्य जिले के सत्ता पक्ष के लोगों ने किया हैl
ज्ञात होगी हाल ही मे जयसिंहनगर के गिरुई खुर्द के जंगलों में लगभग 38 कुंटल 26 किलो मादक पदार्थ पुलिस ने पकड़ा है।
सूत्रों की माने तो जंगल से जयसिंहनगर पुलिस को गांजे के कुल 196 बोरी मिली थी। लेकिन पुलिस ने अपने रिकॉर्ड में 121 बोरी ही दर्शीई ,
*सवाल*
किसके पीछे किसका हाथ है यह तो पुलिस बताने में असफल है लेकिन पुलिस ने जानकारी दी है कि एमपी 18 पासिंग सफेद ब्रेजा वाहन में दो लोग सवार थे। जिन्हें जानकारी लगते ही तस्करो ने माल को जंगल में छोड़ा और वहां से भाग खड़े हुए।
मजे की बात तो यह है कि पुलिस ने गाड़ी को देखा उसमें बैठे लोगों को देखा एवम गाड़ी की टूटी हुई कांच दिखी लेकिन पुलिस ने गाड़ी नंबर नहीं देखा और गाड़ी देखते ही देखते ब्यौहारी की ओर तेजी से निकल गई। जहां आसपास के थानों में यदि जयसिंहनगर पुलिस चाहती तो संपर्क कर सकती थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
इस पूरे घटनाक्रम से कहीं ना कहीं संदेह की सुई पुलिस के ऊपर घूमती नजर आ रही है।
हलांकि देखने में यह पूरा मामला जलेबी की तरह सीधा है।
जहां एक तरफ पुलिस की सूचना के पहले ही गांजा तस्करों को सूचना मिल जाती है और माल जंगल में छोड़ दिया जाता है दो-दो थाने क्रॉस कर गाड़ी ब्यौहारी की ओर निकल जाती है लेकिन कहीं भी वह पकड़ी नहीं जाती।
गांजा तस्करी के दो पुराने मास्टरमाइंड कौन
अपुष्ट सूत्रों की माने तो इस पूरे गांजा कांड में दो सबसे पुराने गांजा तस्करो का दिमाग तेजी से चला है। जो आज सत्ता माफिया बनकर बैठे हुए हैं। हालांकि सूत्रों की माने तो इनमें से एक के ऊपर हत्या के आरोप किसी जमाने में लगे हुए थे और एक शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर निर्माण कार्य करने पर लगा हुआ है।
जिनमें दोनो सत्ता दल के दिग्गजों के फेहरिलिस्ट में शुमार है , एवम सार्वजनिक मंचों पर समाज सेवा का सफेद चोला ओढ़कर भोली भाली जनता को अपने ओर सम्मोहित करते हुए दिखाई देते हैं,लेकिन इस बड़ी कार्यवाही में भले ही नगर पुलिस ने वाह वाही क्यों न बटोरी हो लेकिन सम्पूर्ण कार्यवाही निःसंदेह जलेबी की तरह उलझा हुआ है,जो निकट भविष्य में सुलझता हुआ प्रतीत नहीं होता