शहडोल / जयसिंहनगर : बिन खाए रहा न जाए रिश्वत की बीमारी बाबू की गिरफ्तारी ,रकवा में पेड़ पौधे चढ़ाने के ऐवज में मांगे थे 6 हजार , दूसरी किस्त लेते लोकायुक्त ने पकड़ा रंगे हाथ
बिन खाए रहा न जाए रिश्वत की बीमारी बाबू की गिरफ्तारी ,
रकवा में पेड़ पौधे चढ़ाने के ऐवज में मांगे थे 6 हजार , दूसरी किस्त लेते लोकायुक्त ने पकड़ा रंगे हाथ
शहडोल / जयसिंहनगर (संजय गर्ग)। इन दिनों रिश्वत लेना मानो जैसे एलपेनलिबे की टॉफी खाने जितना आसान है।
आप सभी को याद होगा कि जब एलपेनलिबे टॉफी का प्रचार आता है तो उसमें एक टैगलाइन प्रचार करने वाली कंपनी बोलती है ! मन ललचाए बिन खा रहा न जाए…. आज लोकायुक्त इस कार्यवाही के बाद यह टैगलाइन रिश्वतखोरों के लिए सबसे सटीक भी बैठती है। रिश्वत की रकम ऐसी जो बिन खाए रहा न जाएं । ऐसा ही कुछ हाल इस समय जयसिंहनगर तहसील के राजस्व में चल रहा है। जहां तहसील में पदस्थ बाबू योगेंद्रमणि द्विवेदी ने रकवा में पेड़ पौधे चढ़ाने की ऐंवज में 6 हजार रिश्वत की मांग की गई। जिस पर रिश्वत की पहली किस्त ₹3 हजार तहसील में पदस्थ बाबू योगेंद्रमणि द्विवेदी ने ले ली।
पूरे मामले की शिकायत फरियादी सत्येंद्र कुमार कुशवाहा ने लोकायुक्त में की जिस पर लोकायुक्त रीवा की 12 सदस्यों की टीम गठित कर आज नया तहसीलदार के कार्यालय से बाबू को रिश्वत की दूसरी किस्त ₹3हजार लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि कार्यवाही अभी प्रचलन में है।
आपको बता दे की इसके पूर्व भी जयसिंहनगर के छूदा ग्राम पंचायत में भी रोजगार सहायक चंद्रप्रकाश गुप्ता को 10, हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया गया था।
1 महीने के अंतराल में हे जयसिंहनगर क्षेत्र में लोकायुक्त की टीम ने दूसरी बड़ी कार्यवाही की है।
हालात : इस कार्यवाही ने जयसिंहनगर तहसील में चल रहे। व्यापक पैमाने में भर्रेशाही को उजागर किया है।
हालांकि अभी तहसील से बाबू ही रंगे हाथ पकड़ा गया है लेकिन सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार और भी कोई है जो तहसील में है तो कोटवार मगर रजिस्ट्रार कार्यालय में वसूलीकर्ता बनाकर अवैध वसूली करता है। एवं नजूल की शासकीय भूमि पर करोड़ों का मकान भी बनाया हुआ है।