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शहडोल :संदिग्धता के दायरे में जिला पंचायत सीईओ की कार्य प्रणाली , 3 माह से धूल खा रही साहब के टेबल पर फाइल , साहब की तानाशाही से संतप्त शिक्षक लगा रहे न्याय की गुहार

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संदिग्धता के दायरे में जिला पंचायत सीईओ की कार्य प्रणाली ,

3 माह से धूल खा रही साहब के टेबल पर फाइल

साहब की तानाशाही से संतप्त शिक्षक लगा रहे न्याय की गुहार

शहडोल (संजय गर्ग) । शहडोल जनजातीय कार्य विभाग के सैकड़ों शिक्षकों को 35 वर्ष सेवा पूर्ण करने पर देय चतुर्थ क्रमोन्नति वेतनमान और उच्च पदनाम प्रदाय हेतु डीपीसी लटकी हुई है।
कारण यह बताया जा रहा है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत शहडोल जो कि इस कमेटी के प्रमुख के रूप में शामिल हैं,वह हस्ताक्षर नहीं कर रहे।
यह प्रक्रिया विगत दिसंबर 2023 से चल रही है।

टेबल में धूल खाती फाइल

सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग शहडोल द्वारा प्रस्तुत इन विभागीय पदोन्नति समिति की फाइल में समस्त आवश्यक परीक्षण उपरांत अन्य सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं। फाइल अंतिम हस्ताक्षर हेतु 09 जनवरी 2024 से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शहडोल के टेबल पर पड़ी धूल खा रही है संभवत इसका कारण स्पष्ट रूप से समझ में नहीं आ रहा है।

जांच पड़ताल के बाद भी हस्ताक्षर में देरी क्यों

मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा अतिरिक्त पड़ताल हेतु सी ई ओ, जनपद पंचायत बुढार के अगुआई में दो सदस्यीय टीम द्वारा परीक्षण भी करा लिया है।
टीम ने दो तीन बार विभिन्न आपत्तियों और शासनादेश की मांग सहित फाइल विभाग प्रमुख को वापस की, अंततः जांच टीम ने भी फाइल को हरी झंडी दे दी।
किंतु इसके बावजूद मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर नहीं किया जाना समझ के परे है।

शिक्षकों की आशा में पानी फेरते साहब

बिना पदोन्नति दर्जनों शिक्षक विगत दो माह में सेवा निवृत्त हो चुके हैं।
35-40 वर्ष एक ही पद पर कार्यरत शिक्षकों को एक आशा की किरण जगी थी कि सेवा निवृत्त पूर्व उन्हें एक उच्च पदनाम मिल जायेगा किंतु उन्हें यह नहीं नसीब हो सका।
यह घोर संवेदन हीनता ही कहा जा सकता है।

जगह-जगह शिक्षक कर रहे है फरियाद फिर भी मामला ठंडा बस्ते में

शिक्षकों और मध्य प्रदेश शिक्षक संघ जैसे संगठनों ने जिले के हर जनप्रतिनिधियों से इस पर हस्तक्षेप के लिए मिन्नत की, विधायक जय सिंह मरावी, मनीषा सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष , भारतीय जनता पार्टी के संगठन पदाधिकारी प्रमुख हैं।
किंतु मामला शिफर ही रहा।
आगामी 14-15 मार्च को लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने की प्रबल संभावना है।
बिना हस्ताक्षर यदि ऐसा हुआ तो मामला मई 2024 तक लटका रहेगा।
इस कारण सैकड़ों शिक्षकों में घोर निराशा व्याप्त है।

कुछ ऐसा कहते हैं जानकार सूत्र

विगत दिसंबर 2023 से लंबित चतुर्थ कम उन्नति वेतनमान और उच्च पद नाम का यह मामला जिसमें जिला पंचायत सीईओ किसी भी प्रकार की रुचि नहीं दिख रहे हैं 9 जनवरी 2023 से मामले की फाइल जिला पंचायत सीईओ की टेबल पर धूल खाती है किंतु उसे पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं होती संबंधित पैनल में सभी सदस्यों ने अपने हस्ताक्षार सहमति मामले में दर्ज कराई। किंतु जिला पंचायत सीईओ का उदासीन रवैया कई बड़े सवालों को जन्म दे रहा है जानकार सूत्रों की माने तो साहब गांधी जी के दर्शन के लिए ताक पर हैं
यह हम नहीं ऐसा जानकारी सूत्र बताते हैं तभी तो जनवरी से लेकर मार्च का आधा महीना बीत चुका है पर अब तक साहब ने क्रमन्नति व पदनाम वाली फाइल में हस्ताक्षर नहीं किया है।
जिसका खामियाजा सैकड़ो शिक्षक भुगत रहे हैं जिनकी कार्यविधि 35 वर्ष के पूर्ण है और उन्हें अब तक क्रमउन्नति का लाभ नहीं मिला है।

जिम्मेदारों का गैर जिम्मेदाराना अंदाज
जब इस पूरे मामले को लेकर जिला पंचायत सीईओ एवं कलेक्टर शहडोल से बात करनी चाहे तो छह बार फोन करने पर भी दोनों में से किसी ने भी फोन उठाना उचित नहीं समझा।
ऐसे में इन अधिकारियों से आम जनता न्याय के लिए उम्मीद किस्से रखेगी ।

कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ शहडोल (म.प्र)

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