शहडोल : पस्त प्रशासन मस्त माफिया ,तो मौत के सौदागर बने कोल माफिया , अजगर नुमा सुरंग खोदकर धड़ल्ले से निकल रहा अवैध काला हीरा
पस्त प्रशासन मस्त माफिया ,
तो मौत के सौदागर बने कोल माफिया , अजगर नुमा सुरंग खोदकर धड़ल्ले से निकल रहा अवैध काला हीरा
शहडोल (संजय गर्ग) । सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुरूप इन दिनों जिला और जिले का प्रशासन पूरी तरीके से कोल माफियाओं के आगे पस्त नजर आ रहा है। पस्त प्रशासन मस्त माफिया के तर्ज पर जिले में चल रहा अवैध कोयला खदानों पर प्रशासनिक तंत्र पूर्णता निष्क्रिय है।
क्योंकि जिला मुख्यालय से लगे महज 10 से 15 किलोमीटर के अंदर जो में चल रही कोल माफिया का अवैध कोयला खनन का कार्य डंके की चोट पर संचालित हो रहा है।
खनिज संपदा को नष्ट करने पर आतुर माफिया
वहीं दूसरी और विंध्य की खनिज संपदा को नष्ट करने का कार्य कोल माफियाओं द्वारा किया जा रहा है। लेकिन प्रशासन की अनदेखी के चलते कारवाइयां नहीं हो रही।
जहां एक और धरती का सीन चीरकर काले हीरे का अवैध धंधा शहडोल जिले में संचालित हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर माफियाओं के आगे प्रशासन बौना साबित हो सकता है। खनिज संपदा को नष्ट करने में आतुर माफिया बेखौफ होकर अपने काले काम को अंजाम दे रहा है।
इन स्थानों पर बेजोड़ खनन
सूत्रों की माने तो इस काले हीरे के अवैध व्यापार में जिले के खाकी समेत अन्य कई लोगों का बराबर का हिस्सा है।
जिला मुख्यालय से लगे हुए पटासी , नादना , डाला घाट ,जरवाही ,बड़खेड़ा जैसे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध काले हीरे का खनन जोरो से हो रहा है।
और कितनों की जिंदगी लींलेगी अवैध सुरंग
बीते कुछ समय पहले अवैध काले हीरे की अजगर नुमा सुरंगों में जिले के धनगंवा में एक यादव दंपत्ति ने अपनी जिंदगी गवा दी थी। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया था ।
लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में ऐसा लग रहा है कि और न जाने यह अजगर नुमा सुरंगे जिसे कोल माफिया इस्तेमाल करते हैं और अपनी जेब में भरते हैं वह न जाने कितने और गरीबों की जिंदगियां बर्बाद करेंगे और कितने ही बच्चे और अनाथ होंगे।