*जयसिंह नगर (संजय गर्ग)*। मामला जिले के विधानसभा क्षेत्र जयसिंहनगर के ग्राम पंचायत ढोलर का है। जहां पर सत्ता एवं पैसा का बोलबाला है यहां पर यह देखने को मिल रहा है कि गरीब अचलो के ग्रामीणों पर अपनी हुकूमत चलाने में किसी प्रकार की कसर नहीं छोड़ा जाता पैसों के बल पर ग्रामीणों के जमीन पर अवैध कब्जा करना यहां पर आम बात है जिस पर शिकायत होने पर भी जांच तो दूर, उल्टा शिकायतकर्ता पर ही झूठा इल्जाम लगाकर कार्यवाही करने लगते हैं।
सत्ताधारी से सांठगांठ कर रहे अधिकारी
जयसिंहनगर तहसील में पदस्थ तहसीलदार एवं थाना प्रभारी पर शिकायतकर्ता राजेंद्र सिंह ने आरोप लगाते हुए बताया की मैं निवासी ग्राम ढोलर तहसील जयसिंहनगर का निवासी हूं जोकि पीढ़ी दर पीढ़ी हम ढोलर निवास कर रहा हूं पर सरपंच कविता सिंह जो कि हाल ही में जनपद पंचायत के अध्यक्ष पद पर काबीज है। तहसीलदार थाना प्रभारी एवं एसडीएम से सांठगांठ कर गांव के कुछ भूमाफिया द्वारा मेरे जमीन में हथियाने की कोशिश की जा रही है।
थाना प्रभारी द्वारा नहीं लिखी जाती रिपोर्ट
जो कि प्रार्थी राजेंद्र सिंह ने शिकायत करते हुए बताया कि
पूर्व में मेरे बच्चों के साथ मारपीट की गई जिसकी रिपोर्ट मैं जब जयसिंहनगर थाने में लिखाने गया तो वहां पर हमारी रिपोर्ट नहीं लिखी जाती ना ही कोई जांच कोई कार्यवाही की जाती है हाल में ही मेरे घर में रखे धान आग लगा दी गई जिसकी रिपोर्ट टीआई साहब विनय सिंह के द्वारा नहीं लिखी गई ऐसे ही कई मामले हैं, जिसकी रिपोर्ट आज दिनांक तक नहीं लिखी गई आए दिन तहसीलदार एवं सरपंच टीआई के द्वारा हमारे परिवार को धमकी दी जाती है कहा जाता है कि गांव छोड़कर चले जाओ नहीं तो तुम सही सलामत नहीं रहोगे एवं मेरी माता जी बाईदेवी सिह जोकि 90 वर्ष की है उनसे रात को सरपंच एवं तहसीलदार अंगूठा लगवा कर चले जाते हैं ।
नहीं मिल रहा है इंसाफ आत्म हत्या के लिए मजबूर
प्रशासन के जिम्मेदारों से न्याय की गुहार लगाते हुए। फरियादी ने बताया कि मेरे साथ इंसाफ किया जाए नहीं तो पूरे परिवार के साथ जहर खाकर आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाऊंगा।
कब टूटेगी प्रशासन की कुंभकर्णी निद्रा
प्रार्थी के पूरे प्रकरण में बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर कब तक सत्ता धारियों के द्वारा पैसे के बल पर सेटिंग करके गरीब ग्रामीणों के साथ अन्याय एवं अत्याचार होता रहेगा।
तो क्या प्रशासन के जिम्मेदारों द्वारा गरीब ग्रामीण की सुनवाई होगी या नहीं या इसी प्रकार गरीब ग्रामीण सिस्टम का शिकार होता रहेगा। और उनकी फाइल अंधेरे कमरे में दफन कर दी जाएगी।